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केंद्र सरकार के नोट बंदी के निर्णय से पुरे देश में आम जनता को हो रही परेशानियों और बैंको में अपर्याप्त धन मुहैया होने से उपजी परिस्थितियों का सामना करने के लिए अब सरकार द्वारा कैशलेश लेनदेन पर अधिक जोर दिया जा रहा है . सरकार की कोशिश है की शहरों और महानगरो के साथ साथ ग्रामीण इलाकों में भी आम जनता को पे टी एम् , स्टेट बैंक बडी ,और भुगतान के अन्य माध्यमो और स्रोतों के बारे में जानकारी दी जाये . उन्हें इनके उपयोग करने के तरीके बताने के साथ ही साथ इससे होने वाले लाभ की जानकारी भी दी जाए . यद्यपि ग्रामीण क्षेत्रो में कम पढ़े लिखे लोगों के बीच इसे लोकप्रिय बनाना आसान नहीं है . बावजूद इसके प्रधान मंत्री कार्यालय कैशलेस लेनदेन को लोकप्रिय बनाने और इसके सुचारू सञ्चालन के लिए आवश्यक ढांचा तैयार करने और अन्य महत्वपूर्ण अध्यन के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है . प्रधान मंत्री चाहते है की लोगों नकदी में लेनदेन करने की आदत कम हो और वे मोबाइल के जरिये आसानी से लेनदेन कर सकें . इससे बाजार में कॅश का प्रवाह कम होगा जिससे भ्रष्टाचार , चोर बाज़ारी, कालेधन समेत कई समस्याओं का समाधान स्वयम ही हो जायेगा . प्रधान मंत्री द्वारा बनायीं गयी कमेटी को हिदायत दी गयी है की उन्हें युद्ध स्तर पर काम करके उन उपायों पर विचार करना है और रणनीति बनानी है जिसके माध्यम से कैशलेस तरीको को आम जनता के बीच तेजी से लोकप्रिय बनाया जा सके जिससे उन्हें वर्तमान में हो रही समस्या से निजात दिलाई जा सके .ये कमेटी इस पर भी काम करेगी की इसके लिए किस प्रकार के बुनियादी ढांचे की जरुरत है . केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद इस योजना पर काम कर रहे है . ये बात सच है की आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है . अभी तक इस दिशा में कोई सोचता भी नहीं था परंतु नोट बंदी से पैदा हुए संकट ने शहरो के साथ साथ गांव में भी लोगो को कैशलेस भुगतान की प्रक्रिया से जोड़ दिया है .
बिहार के पटना में ठेले पर गोलगप्पे बेचने वाले से लेकर चाय की छोटी दुकान लगाने वाले दुकानदार भी अब पे टी एम् से भुगतान ले रहे है . नोटों के विमुद्रीकरण के बाद ही सही लोगो की सोच में बदलाव आ रहा है , अभी तक जो लोग ऑनलाइन खरीदारी से डरते थे, नेटबैंकिंग के इस्तेमाल से डरते थे , इस संकट के बाद वे इन माध्यमो का प्रयोग कर रहे है और ऐसी सरल विधि को एन्जॉय भी कर रहे है . अभीतक केवल पढ़े लिखे लोग और युवा ही इनका इस्तेमाल करते थे . लेकिन लगातार विज्ञापनों के आने से और बैंको के बाहर लंबी लंबी कतारों को देखकर मजबूरी में ही सही वे कैशलेस माध्यमो का प्रयोग कर रहे है . पिछले दिनों टी वी पर आयी एक खबर ने एक सुखद एहसास दिलाया . गुजरात के एक छोटे से शहर के बाजार में लगी चाय , काफी , चाट की गुमटियों में भी कैशलेस भुगतान की सुविधा उपलब्ध है . ग्राहकों के लिए जहाँ इससे आसानी है वही दूसरी तरफ छोटे दुकानदार इससे बहुत खुश नज़र आये क्योंकि नोट बंदी के बाद एक दो दिन उनकी दुकानों पर ग्राहक नदारद थे पर कैशलेस सुविधा अपनाने के बाद उनकी बिक्री में अचानक बढ़ोत्तरी हो गयी. यद्यपि अपने देश में ये विकल्प पहले से मौजूद था पर हमारे में एक हिचक थी .पर नोट बंदी के बाद लोग खुले मन से इसे अपना रहे है ,ये देश की अर्थव्यस्था के लिए बेहतर है . केंद्र सरकार द्वारा इस दिशा में किये जा रहे प्रयास अगर सार्थक सिद्ध हुए तो जल्द ही सबकुछ सामान्य होने लगेगा और आम जनता की परेशानिया भी समाप्त हो जाएँगी . .
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