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किसानों के हित में फसल बीमा योजना

NAV VICHAR
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ये बड़े ही चिंता की बात है कि इस सच्चाई को जान समझकर भी कि अपने देश कि लगभग आधी जनसँख्या अपने जीविकोपार्जन के लिए जिस क्षेत्र पर निर्भर है , जहाँ पर रोजगार के सबसे अधिक अवसर है उस क्षेत्र के विकास पर किसी भी सरकार ने बहुत अधिक ध्यान नहीं दिया और यही कारण है कि हमारे किसान भाई सबसे ज्यादा दुखी और मायूस रहते है . हर वर्ष किसानो द्वारा आत्महत्या करने की बढ़ती घटनाये इसी की ओर इशारा करती है . वास्तव में हमारे देश में कृषि कार्य में लगे लोगों को कर्म करने के साथ साथ भाग्य पर भी भरोसा करना होता है . अति वर्षा , सूखा , कीटों का प्रकोप जैसी कई ऐसी व्याधियां है जिनका सामना उन्हें करना पड़ता है और शायद यही ऐसा कारण है जिसकी वजह से इस क्षेत्र से उनका मोह भंग हो रहा है और वे रोजगार का अवसर तलाशने के लिए शहरों की ओर भाग रहे है . अभी तक इस तरफ न तो सरकारी एजेंसियों का और न ही किसी सरकार का ध्यान गया था लेकिन पिछले महीनो में केंद्र सरकार के साथ ही साथ राज्य सरकार द्वारा किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान करने के लिए फसल बीमा योजना और कुछ अन्य सकारात्मक पहल की गयी है जिससे किसानो के मन में उम्मीद की एक नई किरण आलोकित हुई है . किसानी के विकास के लिए नयी सोच और योजनाओं को विकसित करने से इसे फायदे का सौदा बनाया जा सकता है क्योंकि यदि किसानो का अन्य रोजगारों की तरफ पलायन करने की यही गति रही तो देश में अन्न और अन्य खाद्य पदार्थों की कमी की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता . खेती को लाभप्रद बनाकर एक तरफ तो देश का समावेशी विकास होगा वहीं दूसरी तरफ कृषि बाजारों पर वर्चस्व स्थापित करने में भी सहायता मिलेगी . केंद्र सरकार फसल बीमा लागू करने के साथ साथ राष्ट्रीय कृषि बाजार , वर्चुअल और डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाने जा रही है जिससे किसानो के विभिन्न थोक और फुटकर मंडियों के भाव मोबाइल पर ऑन लाइन भी पता चलते रहेंगे . इससे किसानो को अपनी उपज का बेहतर दाम पाने में सहायता मिलेगी और उन्हें लोकल आढ़तियों और दलालों के कब्जे से मुक्ति भी मिलेगी . इन फसल बीमा योजनाओं से उन्हें खेती में अनिश्चितताओं के जोखिम को कम करने का रास्ता मिलेगा. इस योजना में छोटी जोत वाले किसानो को एकजुट कर बड़ी जोत में शामिल कर उन्हें विश्व के खाद्य पदार्थ आपूर्ति में अपनी भूमिका महत्वपूर्ण बनाने की सामर्थ्य प्रदान करने की सोच भी शामिल है . अपने देश में लगभग अस्सी प्रतिशत छोटी जोत वाले किसान है और उन्हें सपोर्ट करके देश के आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने के साथ ही खाद्य सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया जा सकता है . वर्तमान में जरुरत इस बात की है कि किसानो को बीज , पानी , कृषि उपकरण , खाद आदि आधारभूत सुविधाओं के साथ वित्तीय सहायता भी प्रदान करना सुनिश्चित किया जाये. इतना ही नहीं उन्हें उनके उत्पाद बेचने के बाजार और उस बाजार तक उत्पाद ले जाने के लिए ट्रांसपोर्ट कि सस्ती और सुलभ व्यवस्था की जाए . किसानो के उपज का राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार पर अपना आधिपत्य जमाने की ये सरकार की दूर दृष्ट की सोच है . यदि ऐसा संभव हो पाया तो निश्चय ही केंद्र और राज्य सरकार की फसल बीमा योजना और अन्य योजनाये किसानो को एक नयी ऊर्जा प्रदान करने में सफल होगी और इससे प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में उनके आत्महत्या करने की घटनाओं पर भी विराम लग पायेगा .

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