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भारत सरकार ने देश के समुचित और चतुर्दिक विकास के लिए एक अभियान की शुरूआत सितंबर २०१४ में की थी जिसका नाम है “मेक इन इंडिया ” . इस अभियान के अन्तर्गत स्वच्छ भारत मिशन , स्मार्ट सिटी , डिजिटल इंडिया , स्टार्टअप इंडिया का आरम्भ भी किया गया . डिजिटल इंडिया एक बहुउद्देशीय कार्यक्रम है जिसमे विभिन्न सरकारी विभागों को जनता से डिजिटली जोड़ने की कोशिश की जा रही है अर्थात बिना कागजी कार्यवाही किये इलेक्ट्रानिकली ये विभाग सीधे तौर पर आम जनता की समस्याओं पर काम करेंगे . इस कार्यक्रम की देखरेख भारत सरकार की इलेक्ट्रॉनिक और सुचना प्रौदयोगिकी मंत्रालय कर रहा है . इसके अन्तर्गत आम जनता का डिजिटली आधारभूत ढांचा तैयार किया जा रहा है . ब्राडबैंड हाइवेज के द्वारा मोबाइल कनेक्टिविटी में वृद्धि करना , ई शासन द्वारा विभागों की कार्यप्रणाली में परिवर्तन लाने की कोशिश की जा रही है . देश में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए “स्वच्छ भारत मिशन मोबाइल ऐप ” के उपयोग पर जोर दिया जा रहा है . डिजिटल लाकर प्रणाली के जरिये प्रपत्रो का भौतिक उपयोग कम करते हुए उन्हें रजिस्टर्ड रिपॉजिटरी द्वारा ई दस्तावेजों के रूप में रखने का कार्यक्रम बनाया गया है . इतना ही नहीं आधार प्रमाणिकता द्वारा आन लाइन ही दस्तावेजों पर ई हस्ताक्षर करना , डिजिटल इंडिया का महत्वपूर्ण कदम है . देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को और सुगमता से उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए , विभिन्न जांचो की फीस जमा कराने के लिए और अन्य सुविधाएँ लेने के लिए “ई हॉस्पिटल एप्लीकेशन ” के उपयोग को प्रचारित किया जा रहा है . ग्राम पंचायतों को एक दूसरे की गतिविधियां जानने और समझने में सहायता देने और उन्हें आपस में जोड़ने के लिए एक डिजिटल हाईवे “भारत नेट ” बनाया गया है . इतना ही नहीं विभिन्न रेलवे और बस स्टेशनों और भ्रमण योग्य जगहों पर वाई फाई की सुविधा दी जा रही है . सरकार इन सभी माध्यमो से देश को डिजिटली मजबूत बनाने की कोशिश में है . इन कार्यक्रमों के माध्यम से सरकार की कोशिश है कि देश कि जनता को जागरूक बनाया जाये .” डिजिटल इंडिया ” के इस अभियान में फार्मा, ऑटोमोबाइल , रेलवे , स्वास्थ्य , मीडिया और मनोरंजन , लेदर , ट्रांसपोर्टेशन , डिफेन्स , सड़क और परिवहन , वस्त्र , इनफार्मेशन एंड टेक्नोलॉजी आदि जैसे लगभग २५ क्षेत्रो को सम्म्लित किया गया है जो देश के विकास को बल प्रदान करेंगे . लक्ष्य ये भी है की डायरेक्ट फॉरेन इन्वेस्टमेंट के माध्यम से विदेशी निवेशकों को आकर्षित करके देश में नौकरियों की संख्या बढ़ाई जा सके जिससे देश से पलायन करने वाली युवा प्रतिभा को अपने देश के लिए उपयोग किया जा सके . डिजिटल इंडिया के द्वारा देश के पूर्वोत्तर राज्यों में छोटे छोटे शहरो में बी पी ओ केंद्र भी खोले जा रहे है . सम्बंधित मंत्रालय ने “इन्टरनेट आन थिंग्स ” के लिए केंद्रों की स्थापना भी शुरू कर दी है . सरकार ने इसी अभियान के एक चरण के रूप में “कौशल विकास योजना ” का आगाज़ किया है . ये सरकार की एक प्रयोगात्मक और हितकारी शरुआत है जिससे देश के अकुशल और कुशल श्रमिकों को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराये जा सके . इस योजना के अंतर्गत विभिन्न मंत्रालयों की हिस्सेदारी लेकर देश के लिए चालीस करोड़ कुशल श्रमिक तैयार करने का लक्ष्य है . “मेक इन इंडिया ” अभियान के ही अंतर्गत पिछले कुछ महीनो में सरकार ने विश्व की प्रसिद्ध कंपनियों को देश में अपना व्यवसाय आरम्भ करने के लिए आमंत्रित किया है क्योंकि अन्य देशों की अपेक्षा अपने देश में मैन पावर के साथ साथ कच्चे माल और अन्य सुविधाओं की बेहतर उपलब्धता है . विश्व के सबसे बड़े प्रजातंत्र होने के नाते अपने देश में बाजार की सबसे बेहतर सम्भावनाएं है. कम लागत में अधिक उत्पादन और अच्छे क्रेता जहाँ होते है वहां व्यवसाय अच्छा चलने की पूरी गुञ्जायस रहती है , भारत एक ऐसा ही प्लेटफॉर्म है . केंद्र सरकार की सोच और कार्यकलापों ने विश्व को ये सन्देश दिया है की देश में रोजगार के सृजन , आधारभूत सुविधाओं में सुधार, व्यवसाय आरम्भ करने में न्यूनतम अवरोध , नयी तकनीक , निवेश के लिए बेहतर वातावरण तैयार हो चूका है और देश की अर्थव्यवस्था उनके व्यवसाय और निवेश के लिए पूरी तरह अनुकूल है . निश्चित रूप से “डिजिटल इंडिया ” कार्यक्रम की सफलता भारत के युवाओं , उदयमियों और आम जनता के लिए सूरज की एक नयी रौशनी के समान है जिसके आलोक में पुरे विश्व समुदाय में भारत की एक नयी और अध्भुत छवि उभर कर सामने आ रही है .
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