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कश्मीर में अत्नाक्वाद के मुद्दे पर पाकिस्तान एक बार फिर बेनकाब हो गया . उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में लश्कर का एक आतंकी पकड़ा गया और उसके चार साथी मारे गए . भारत में आतंकी घटनाये और घुसपैठ रोज की ही बात हो गयी है . पाकिस्तान भले ही पूरे विश्व समुदाय के सामने आतंकवाद फ़ैलाने और आतंकवादी गतिविधियों में अपने न सम्मिलित होने की साफगोई देता रहे पर उसकी कुत्सित भावनाओ से परिपूर्ण चेहरा बार बार बेपर्दा होता रहा है . बुरहान की मौत पर पाकिस्तान ने जिस ढंग से कश्मीर को अशांत किया और नवाज शरीफ ने जिस तरह उसे शहीद का दर्जा दिया वो बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण है . बुरहान पर पाकिस्तानी सियासत का खामियाजा कश्मीर की आम जनता पिछले एक महीनो से भुगत रही है . इस बार तो नवाब शरीफ के शराफत भरे चेहरे का कालापन भी पूरी दुनिया के सामने उजागर हो गया . अजमल कसाब का जीता जागता सबूत सबके सामने है जिसने सात साल पहले मौत का तांडव रचा था और उसके बाद मुहम्मद नावेद और बुरहान जिसके खूनी इरादे की चर्चा सभी की जुबान पर है . इस आतंकी के पकडे जाने से आतंकवाद पर पाकिस्तान के खूनी खेल फिर एक बार दुनिया के सामने बेनकाब हुआ लेकिन इसका पाकिस्तान पर कोई प्रभाव नहीं दिखता क्योंकि उन्होंने ने नावेद के पाकिस्तानी होने पर साफ़ तौर से पल्ला झाड़ लिया है . उसका ये कहना की “मै यहाँ हिन्दुओं को मारने आया हूँ , मुझे ऐसा करने में मजा आता है “, उसके खतरनाक मंसूबो को बयां करता है . आतंकवाद के विषय में पाकिस्तान झूठ बोलने में माहिर है . सीधे सीधे सच्चाई को नकारना उसकी फितरत है . आतंकी नावेद ने जिस तरह से ये बताया कि उसने अपने साथी के साथ सीमा पर लगे कंटीले तारों के नीचे से सरहद पार किया है , ये तो निश्चित ही हमारे सीमा पर तैनात जवानो के लिए चुनौती है कि आखिर ये संभव कैसे हुआ. आये दिन हमारे जवान पाकिस्तानी गोली बारी में शहीद हो रहे है , वास्तव में ये सब पाकिस्तान का भारत के विरुद्ध छदम युद्ध के सामान है जो वो धोखे से चला रहा है . नावेद के रूप में पकड़ा गया आतंकवादी इसका जीता जागता सबूत है लेकिन पाकिस्तान ने पहले की तरह फिर इंकार कर दिया. जबकि पूछताछ के दौरान नावेद ने साफ़ तौर पर कहा की उसे हाफिज सईद के बेटे ने जिहाद का पाठ पढ़ाया , ये वाही हाफ़िज़ सईद है जो भारत के खिलाफ लगातार जहर उगलता रहता है और पाकिस्तान में छूटे सांड की तरह घूमता है . नावेद ने गुलाम कश्मीर में प्रशिक्षण पाने और वहीँ से हथियार पाने की बात भी बताई . नावेद के पिता ने भी ये स्वीकार किया पर वाह रे पाकिस्तान , अब भी इंकार . वो ये भूल जाता है की आतंक के छीटें उसकी अपनी जनता पर भी पड़ते है और वहां भी जान माल की हानि होती है . आतंकवाद भारत के लिए ही नहीं वरन पूरे विश्व के लिए चिंता का विषय है . पर पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को दिए जा रहे संरक्षण और पोषण के कारन भारत सबसे ज्यादा प्रभावित है . आतंक कैसा भी हो इसमें सिर्फ रक्त ही बहता है वो भी निर्दोषों और मजलूमों का . भारत सरकार को अब समझ जाना चाहिए की पाकिस्तान सिर्फ बात चीत से मानने वाला नहीं है , उसे किसी अन्य भाषा में समझाने की जरुरत है . अब वक्त आ गया है भारत सरकार इस बात पर गौर करे कि बात चीत के अलावा पाकिस्तान से कैसे डील किया जाये क्योंकि बार बार यही लगता है अब सुधरेगी स्तिथि पर ऐसा होता नहीं.
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