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बढ़ती सड़क दुर्घटनाएं और सरकारी प्रयास

NAV VICHAR
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भारत जैसे विशाल देश में सड़क के नियमो, कायदे , कानूनो की प्रभावशीलता के लिए निश्चय ही ये चुनौती की बात है की विश्व के विकसित देशो की तुलना में अपने देश में लगभग तीन गुना ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती है। एक अध्ययन के अनुसार पूरे विश्व में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों का 10 प्रतिशत अकेले भारत में होती है।
इसका सीधा मतलब है की हमारे यहाँ सड़क पर चलने के नियमो के प्रति जागरूकता की कितनी कमी है। शायद आपको जानकर आश्चर्य हो की दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले अपने देश में प्रतिवर्ष लगभग पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती है जिनमे डेढ़ लाख लोग असमय काल के गाल में समां जाते है . ये आकड़ें तो उनके है जिन्हे कहीं रिकार्ड किया गया है , हजारों की संख्या तो उनकी होगी जो की दूर दराज के गांव में दुर्घटना के शिकार हुए होंगे लेकिन उनकी गिनती इन अध्ययनों में शामिल नहीं है । इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यद्यपि केंद्र सरकार ने कई पहल की है नई सड़क परियोजनाओं के मामले में भी नयी सोच के साथ काम किया जा रहा है . नई सड़कों के साथ पुरानी सड़कों की मरम्मत और रख्रखाव पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है . राजमार्गो पर लगने वाले जाम को समाप्त करने के लिए भी सरकार प्रयासरत है . सरकार ने राष्ट्रिय राजमार्गो पर बने ६३ पुलों पर लगने वाले टोल टैक्स को बंद करा दिया है . जिससे वहां लगने वाले जाम से कोई समस्या न हो . इसके अतरिक्त टोल प्लाजा के आधुनिकीकरण में भी कदम बढ़ाया जा रहा है . अबतक लगभग ३८० टोल प्लाजाओं पर इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग की व्यवस्था हो चुकी है जिससे यहाँ लगने वाले जाम से मुक्ति मिले . सरकार ने पर्यावरण की सुरक्षा के लिए राजमार्गो के दोनों तरफ वृक्षारोपण पर भी काम शुरू कर दिया है जिससे प्रदुषण की समस्या को भी हल किया जा सके .
यदि हम इसके पीछे के अन्य कारणों की खोजबीन करना चाहे तो कारण बहुत कुछ हमारी लापरवाही पर निर्भर करता है। नियम तो थोड़ा बहुत सब जानते है पर उनका पालन करने में कोताही बरतते है। बहुत छोटी छोटी बाते है जिनपर ध्यान देने की जरुरत है , मसलन सदैव अपनी बाई ओर वाहन चलायें , पैदल चलते समय फूटपाथ उपयोग करें , ग्रीन सिंग्नल पर ही अपना वाहन आगे बढ़ाएं , गलत दिशा से कभी भी ओवरटेक न करें , वाहन चलाते समय मोबाइल पे कभी भी बात न करें , शराब पीकर या नशा करके वाहन कदापि न चलायें , पैदल चलने पर सड़क पार करते समय दोनों तरफ देखकर ही पार करें , यू टर्न लेते समय इंडिकेटर का प्रयोग करें , वन वे में कभी भी उलटी दिशा से वाहन चलाने की कोशिश न करें , वाहन सदैव ही निर्धारित गति से चलायें , रात में वाहन में डीपर का प्रयोग करें। हाईवे पर चलते समय अपनी लेन में रहें , यही सब छोटी छोटी बातें है जिन पर ध्यान देकर हम दुर्घटनाओं को रोक सकते है।
इसके अलावा हमें बच्चों को आरम्भ से ही सड़क पर चलने के नियमो से परिचित करते रहना चाहिए , इसके लिए आवश्यक है की पहले हम स्वयं सुरक्षित रहते हुए चलना सीखे। होता ये है की हम केवल सड़क सुरक्षा सप्ताह या माह मनाकर अपनी जिम्मेदारियों की इतश्री कर लेते है , उसे व्यवहारिक धरातल पर नहीं उतारते।
सरकार यातायात नियमों को सख्त बनाने और जुरमाना और सजा बढ़ाने के लिए नए कानून लाने पर विचार कर रही है . इसे सड़क परिवहन एवं सुरक्षा बिल का नाम दिया गया है . सरकार का लक्ष्य है की वर्ष २०२० तक पांच लाख सड़क दुर्घटनाओं और डेढ़ लाख मौतों के आंकड़े को आधा कर दिया जाये .
निश्चय ही यदि सरकार का यह बिल आ गया तो स्तिथि में सुधार आएगा और सड़क दुर्घटनाओ पर लगाम लग सकेगा और आकड़ों के अनुसार , अपने देश में लगभग प्रत्येक 6 मिनट में सड़क दुर्घटना में मरने वाले व्यक्ति को बचाया जा सकेगा ।

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