Menu
blogid : 20725 postid : 947678

बड़ा फर्क है पाकिस्तान के कथनी करनी में

NAV VICHAR
NAV VICHAR
  • 157 Posts
  • 184 Comments

भारत और पाकिस्तान के बीच आपसी रिश्ते सुधारने और दोनों देशो की सीमा पर अमन चैन बहाल करने की कोशिश में पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी और पाकिस्तान के नवाज शरीफ के बीच रूस के उफ़ा में हुई बात चीत लगातार बेमानी साबित हो रही है . वार्ता के दौरान और बाद में भी सीमा पर लगातार हो रही गोली बारी इस बात का प्रतीक है कि उसकी नीति और रीति क्या है। ईद के मौके पर भी उनकी बंदूकें शांत नहीं हुई . पिछले चार दिनों में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की गोलाबारी की ये छठी घटना है . उनके सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार ईद पर श्रीनगर और उसके कुछ इलाकों में पाकिस्तानी और आई एस के झंडे फहराना और पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाना इस त्यौहार के मर्यादा और गरिमा को ठेस पहुचाने जैसा है जिससे न सिर्फ त्यौहार की पवित्रता को हानि पहुंची है वरन वहां की आम जनता के लिए परेशानी का सबब बना है और लगता यही है की पाकिस्तानी सेना और अलगाओवादी ताकते वहां की सरकार और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पुरे विश्व में किरकरी कराने में लगी है । दूसरी तरफ भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी लखवी को पाकिस्तानी कोर्ट से जमानत मिल जाना और उसे खुलेआम जलसा करते रहने और भारत के खिलाफ कुछ भी बोलने की छूट देना पाकिस्तान के कथनी करनी में फर्क को साफ़ दर्शाता है । क्या पूरा विश्व ये सब देख नहीं रहा। वर्ष के शुरू में बच्चो की निर्मम हत्या के बाद ये लगा था कि शायद अब पाकिस्तान की आँख खुलेगी और वो नींद से जागेगा लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं। ये सब देखकर तो यही लगता है कि आज भी पाकिस्तान दोहरी चाल चल रहा है ,शायद उसे यह भी एहसास नहीं की उसकी चाल उसी के लिए नुकसानदायक सिद्ध हो रही है। कभी कभी तो ऐसा भी लगता है की वहां की सरकार पर आतंकवादियों का गहरा प्रभाव है जिसके दबाव के कारण वे कुछ भी ठीक कर पाने में असमर्थ है। ऐसा भी महसूस होता है की पाकिस्तानी सरकार और प्रधानमंत्री वो ही बोलते और करते है जो वहां के आतंकवादी संगठन चाहते है। भारतीय सीमाओ पर लगातार गोली बारी जारी है. लगता है मानो उनका युद्ध अभ्यास भारतीय सीमा पर ही होता है।
कभी कभी तो ऐसा लगता है कि उनकी अपनी इतनी घरेलु समस्याएं है जिनसे वहां की जनता का ध्यान भटकाने के लिए भी वे भारतीय सीमा पर अस्थिरता पैदा किये रहते है।दिल्ली के चुनाओ के बाद पाकिस्तान में भारतीय जनता पार्टी को मिली हार का जश्न मनाना , इस बात का संकेत है कि वे वर्तमान केंद्र सरकार से कुछ हद तक डरे है . लेकिन वहां की सरकार से इतर पाकिस्तानी सेना और उनकी ख़ुफ़िया एजेंसी की नीति और रीति से ये साफ़ झलक रहा है की भारत में अमन शांति रहे और सम्बन्ध सुधारने के लिए बात चीत का दौर कुछ आगे बढे , ऐसा वे बिलकुल नहीं चाहते . भारतीय सीमा पर खूंखार आतंकी संगठन आई एस को मजबूत बनाने की उनकी कोशिश उनके इस इरादे को और भी पुख्ता कर रही है . निष्कर्ष यही निकलता है कि उनका मूल उद्देश्य भारत को अस्थिर बनाना है इतना ही नहीं पाकिस्तानी सरकार और उनकी सेना के कथनी करनी में बहुत बड़ा विरोधाभास है .

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh