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इस्लामिक स्टेट के नाइजीरिया और सम्बद्ध देशों में बढ़ते प्रभाव से वहां लोकतान्त्रिक मूल्यों और नागरिक आजादी के लिए खतरा किस तरह और कितना बढ़ता जा रहा है, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती . इससे केवल ये ही देश नहीं वरन पूरा विश्व प्रभावित है . नाइजीरिया में बोको हराम से इस्लामिक स्टेट के अवसरवादी गठबंधन के बाद तो वहां की जनता के लिए जीवन और भी दूभर हो गया . वर्ष 2009 से चर्चा में आये बोको हराम नाइजीरिया में इस्लामिक शासन स्थापित करने के लिए संघर्ष कर रहा है . उसने अपना संघर्ष पिछले कुछ महीनो में नाइजीरिया की सीमा से बहार निकलकर आस पास के क्षेत्रों में फैला दिया है .
बोको हराम ने महिलाओं , स्कूली लड़कियों को अगवा करने , उन्हें शिक्षित होने से रोकने के लिए अपनी गतविधियां तेज कर दी है . वे महिलाओं के विकास के खिलाफ उसी प्रकार है जैसे इस्लामिक स्टेट . ये दोनों ही संगठन अत्यंत ही खूंखार और दरिंदगी से भरे हुए है . अभी दो दिन पहले ही इस्लामिक स्टेट ने लीबिया में 8 सैनिको का सर कलम कर दिया और इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी डाल दी . मोसुल में इन्ही आतंकियों ने 20 से 30 साल के चार युवको का सर कलम करके अपनी हैवानियत का एक और सबूत दिया . वास्तव में इनकी क्रूरता थम नहीं रही .
इस्लामिक स्टेट और बोको हराम में अंतर ये है कि इस्लामिक स्टेट ने अमेरिका के हस्तक्षेप और अपने विरुद्ध खिलाफ अभियान चलाने के बाद भी ईराक और सीरिया के एक बड़े हिस्से पर अपना कब्ज़ा बना लिया है . उसने एक राज्य की तरह अपना अलग ढांचा बना रखा है और वे एक राज्य चलाने जैसा कार्य करते है . उसने अपनी पहचान हथियारों से लैस एक खूंखार आतंकी संगठन के रूप में बना लिया है . जबकि उनके विरुद्ध अमेरिका बराबर दबाव बना रहा है . दरअसल एक विचार या अवधारणा के रूप में इस्लामिक स्टेट का लगातार विस्तारित होना अमेरिका जैसे देशों के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है . उसकी बढ़ती ताकत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि विभिन्न देशों द्वारा सोशल नेटवर्किंग पर प्रतिबन्ध लगाने के बाद भी भारत सहित विभिन्न देशों कि युवा शक्ति उनके संपर्क में आ जा रहे है जो वास्तव में बहुत बड़ी चुनौती है . इतना ही नहीं उन्होंने अपनी अलग सोशल नेटवर्किंग साइट भी आरम्भ कर दी है . उनके सहयोगी बोको हराम का कार्य क्षेत्र अभी सिमटा हुआ है .
इस्लामिक स्टेट कि लगातार बढ़ती ताकत , उनके लगातार बढ़ते संसाधन न सिर्फ भारत के लिए वरन पुरे विश्व के लिए आतंकवाद के बढ़ते खतरे का संकेत है. इनसे निपटने के लिए पूरे विश्व को एकजुट होकर मजबूत कदम उठाने होंगे .
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